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भाग ९० घपरोल

भाग ९० 

सुबेर-सुबेर घपरोल



" आजो गढवालि चुटकला" " "

""सुबेर-सुबेर घपरोल"
श्रीमान जी," आज क्य बात च चा दगड़ गुल गुला बि।"
श्रीमती जी," किलै !नि ज्यू बुलणो त नि खादि। म्यार धरमू खै त्याल।"
श्रीमान जी," सर्रा मिठास कड़ु ह्वै ग्याई. तू सीधू जबाव नि दे सकद।"
श्रीमती जी," म्यार पकायूं त तुमतें कड़ु हि लगदू। वा पातर चाहे काड़ा बि पिलौ त गन्ना जूस लगद."
श्रीमान जी," फिर तू वीं बेचारी पुष्पा बौ तैं बीच मा लये। डैर बैठि ग्या बौक त्यार मन मा।"
श्रीमती जी," म्यार डैर जूत। दिखलि तुम तैं बि अर तुमार वीं पातर तैं बि। क्य करदु मि ऐथर।"
श्रीमान जी," त्यार दिमाग त पता नि उल्टो उल्टो हि रै ग्याइ. बत्तीस साल बिटि बि नि सुधार सको मि।मिन त सीधू सवाल पूछि कि आज कैं खुशी मा यू सूरज निकल कि सुबेर सुबेर गुलगुला अर मि दिखणू छौं उड़दू दाल बि भिगीं । शायद पकोड़ी बि बणैल।"
श्रीमती जी," जू आदिम चुल्लू खण्द्वरया ह्वाव वैक क्य भरोशु। जब मिन ब्वाल अब ब्वारि ऐ ग्याइ तुमतैं किचन मा जाणो जरुरत नि।"
श्रीमान जी," त्यार हि त छन वख किचन मा छत्तीस व्यंजन धर्या जू मि खै ग्याइ हूं। मि त गरम पाणि करणौ गै छ्याइ किचन मा. ठण्डू पाणि म्यार दांत मा लगदू त दांत साफ करण छ्याइ।
श्रीमती जी," खबरदार जू आजक बाद किचन मा ग्याइ। स्यू इलेक्ट्रिक कैटल च ब्वारिक ल्याऊ. वै मा दांत धौणु गरम पाणि नि ह्वै सकदु।घटगाणा त खूब रौंदा वैक पाणो
श्रीमान जी," अरे यू त म्यार दिमाग मा आई नि।
श्रीमती जी," दिमाग मा त वा पातर बैठि च. त हौर धाणि किलै आणि समझ। राति फौन करणि बारह बजि आज वा छम्मकछल्लो "
श्रीमान जी," क्य ह्वै। तबियत ठिक च बौ की। बेचारी उन्नि बि सुगर क मरीज. किलै कार फोन राति बारह बजि। अबि जांदु मि। बिचारी अकेला च।"
श्रीमती जी," क्य देवी दर्शन करणो जाणो छै सुबेर- सुबेर। वीं तैं क्य हुणु। पर आजो तारिख त याद च वीं तैं. पितली गिच्ची कैरिक बुलणि
," हैप्पी बर्थडे"। अर बस फून काटी द्याइ।"
श्रीमान जी," अरे यार। मि त भुलि ग्यों त्यार जनमदिन ।बौ तैं कन याद रैंद हर चीज।"
श्रीमती जी,"तुमतैं किलै रैण म्यार जनमदिन याद। जू आदिम म्यार मुरणो इंतजार करणू ह्वाव।"
श्रीमान जी," मितै आपर हि जनमदिन याद नि त मिन त्यार कख बिटी रखण। पर उल्टी बात नि कन चयेंद।"
श्रीमती जी," वीं पातरो जनमदिन त खूब याद रौंद. कबि साड़ी कबि मोबाइल गिफ्ट कार। यख कुछ बि ना।
श्रश्रीमान जी," अरे वैबरी नौकरी मा छ्याइ त गिफ्ट बि दे दि्ंद छ्याइ। अब इतुक पेंशन मा त मुश्किल ह्वै ग्याइ रिटायर हुणो बाद। क्यान लाण गिफ्ट।"
श्रीमती जी," अब म्यार दफै कनि हुण तुमन कंगाल। मि खुणि गरम सूट लाव आज हि बस। ठण्ड जादा हि च।मि मा गरम सूट नि।"
श्रीमान जी," मि बौ तैं धन्यवाद देक आंदु।त्वे तैं बधै दिण वास्त। भौत दिन बटि चा बि नि पै बौक हथ की।"
श्रीमती जी," हैप्पी बर्थडे मिखुणि ब्वाल। अर धन्यवाद तुम किलै देलि। क्वि जरुरत नि। पैलि घारम टाॅयलेट बणो।वै झगड़ो फैसला करो। बस।
श्रीमान जी," त
(घपरोल जारी)

विश्वेश्वर प्रसाद-(सिलस्वाल जी)

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