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भाग ९१ घपरोल

भाग ९१ 

सुबेर-सुबेर घपरोल



" आजो गढवालि चुटकला" " "

"सुबेर-सुबेर घपरोल"
श्रीमती जी,"स्या चा धरीं. द्वी दफा ठण्डी ह्वै ग्याइ।"
श्रीमान जी,"हुणि दी. सर्रा रात मेरी निंद खराब। ये धरमूक बि काम न काज। जोर जोर से हल्ला मचाणू "हैप्पी बर्थडे डियर मोम"।
निरभै अंग्रेज."। जन बुलैं कै महारानी जलमबार हो।"
श्रीमती जी," द्याखा जी आज मि क्वी घपरोल नि करण चांदु. म्यार जलमबार बच्चों धूमधाम से मनै त तुम खिरजैणा किलै छा।"
श्रीमान जी," अरे जनि निंद ओणि तनि घण्टी "टन टन"। दरवाजो ख्वालो त साब कोरियर. कबि कैक, कबि गुलदस्ता ,कबि गहना।
या तेरी नै समधण अर ब्वारि बि पतानि राति ठिक 12 बजि भिजणा रैन।"
श्रीमती जी," म्यार जलमबारै दिन कन निंद आइ दस बजि हि। वीं पातरो जलमबारै दिन त राति बारह बजि लमडि बै गै छ्याइ नाचद नाचद. सर्रा दुन्या समझि ग्याइ कि घुटकि लगैंक लमड."
श्रीमान जी," जादा बकबास नि कैर. फिर बौ तैं बीच मा लाणि।वू त म्यार टांगड़ु अलजि गै छ्याइ तस्मा मा."
श्रीमती जी," मिन कैकु नाम लै। मेरि खुशी त देखि नि सकद। अजक्याल बच्चौं बीच मा जादा नि बुलण. कन अंग्रेज। सर्रा मिठै त आफिक बखोरि गै.जलणु व्हैल देखिक कि समधणी मिखुणि डायमंड रिंग भ्याज गिफ्ट।"
श्रीमान जी," मिन क्य खुणि जलण। जन बुलैं अब वींक जलमबार मा हौर मंहगू गिफ्ट नि दिण प्वाड़लू। मि मा अब एक रुप्या नि बस।"
श्रीमती जी," तुमतैं पुछणू कू अब पैंसा खुणि। म्यार धरमू त द्यालु रुप्या।"
श्रीमान जी," हाँ . अब किलै पुछण. सर्रा आम चूसिक अर बल खट्टू छ्याइ। फण्ड उर्दुक पकोड़ि बणादि द्वी।"
श्रीमती जी," तैं मुख त ध्वावा। दांत बि साफ़नि कार अबि अर पकोड़ि बणो बल. ढैर बणाना छौं । अर समधणि खुणि बि दिणो जाणु छौं मि अर धरमू। आज ब्वारि बि आलि हमार दगड़।
श्रीमान जी," जखि जाणा. पर मि खुणि खाणो बणै धेरी दे।"
श्रीमती जी," वू त जरुर धरलू। निथर वीं पातरो घार चलि जैलि "उसने तो मुझे भूखा रखा आज अपने जन्मदिन पर बल"।खबरदार जू घार छोड़ि कखि ग्याइ।
श्रीमान जी," जखि जांदि। पर मिन त कुछ नि ब्वाल. . . . .
(घपरोल जारी).

विश्वेश्वर प्रसाद-(सिलस्वाल जी)

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