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भाग ७७घपरोल

भाग ७७   

सुबेर-सुबेर घपरोल

" आजो गढवालि चुटकला" " "

ब्वारी(फून पर),"मम्मी जी। पिताजी का दांत दर्द कैसा है। पुष्पा ताई का फोन था कि खाना नहीं दिया आपने।
श्रीमती जी,"बेटा ठिक छवा तुम गोवा मा।यख त बसग्याल अर जाड्डू। वूंक फिकर नि कैर त्यार जतना बिस्कुट ,नमकीन ,रस पतानि क्य क्य सबि बुकै ग्याइ अर दुन्या मा हल्ला मचाणू कि मि भुखि छौं। "
ब्वारी,"ठिक किया आपने। खाना खाते तो जादा दर्द होगा। ये कह रहे थे घर पर डाक्टर भिजवाता हूँ।"
श्रीमती जी," क्वी जरुरत्त नि डाक्टर भिजणो. वा पातर रोज घर्या इलाज अर जंतर मंतर बताणि त च रोज।"
ब्वारी,"अच्छा बात कराओ पापा जी से।
श्रीमती,"बात कैमा करान। सुबेर आठ बजि बिटी वे थुबड़ू पकड़ि जख लापता ह्वै ह्वाल।"
ब्वारी,"फोन भी नहीं लग रहा। पापा जी का।"
श्रीमती,"फोन कपाऽल लगण। फोन त लाक कैरिक तख्त मा हि छुड्यूं घारम।"
ब्वारी," अच्छा ! आने पर बोलना कि ताई के जंतर मंतर छौड़ केमिस्ट से कम्बोफिलेम और बिकासोल की टेबलेट लाना ।. सुबह शाम खाने के बाद एक -एक गोली तीन दिन खाने से आराम होगा.मेरी दादी भी यही खाती थी दर्द होने पर। हाँ, आजकल कोविड का चक्कर है तो किसी बड़े अस्पताल मत जाने देना । फोन रखती हूँ। "
श्रीमती जी,"अच्छा बा।
(तभी श्रीमान जी का प्रवेश)
श्रीमती जी," कख निरपट हुयूं छ्याइ सुबेर बिटी। सी बारह बजि गै दिन क। बच्चा बि फोन पर फोन करण पर लग्यां छन. ये आदिमन जवानि मा मिते त परेशान कार हि च अर अब बुढ़ापा मा बच्चों तैं बि करणू।"
श्रीमान जी," जखि गै हुलू। मितै कैसे क्वी मतलब नि। अरे तीन दिन बिटी हाय-हाय करणू छौं मि ये दांतो पीड़. न खाणि न पीणी अर् न सिणी। डेंटल स्पेशलिस्ट मा ग्यौं दांत दिखाणो। दवै लाण।यीं बार त पुष्पा बौक जंतर मंतर बि काम नि कार।"
श्रीमती जी," कन बिजोग प्वाड़। अस्पताल मा कोरोना मरीजों भीड़ च अचकाल । अर तुम वखि पहुंचि ग्याव वीं भीड़ मा । ब्वारी बि ना बुलणि छै होस्पिटल जाणू। खबरदार जू तुम भितर आई।
श्रीमान जी,"पर किलै? नि आण भितर। मि मास्क अर दस्ताना पैरि ज्यायूं छ्याइ।उतारि बि नि मिन त एक बार भि।"
श्रीमती जी,"पंद्रह दिन कोरिनटाइन बस।तै बरामदा मा हि राव. भैर क बाथरुम जाव . खबरदार जू भितर आइ त. मि तुमारि झगुलि टुपलि यखम हि लि आंदु।
श्रीमान जी," अरे !मि अस्पताल नि ग्यों। सामणिक डैंटल क्लिनिक मा ग्यों।पर भौत भीड़ छै वख.क्लिनिक वाल बि पूरु ध्यान रखणा अब. सर्रा सेनेटाइज च। तीन घण्टा इंतजार कार पर नम्बर नि ऐ। बल अब आप कल आना, त वापस ऐ ग्यों।
श्रीमती जी,"त नहै त जाव। "
श्रीमान जी,"मिखुणि हलवा त पकौ।"
श्रीमती जी,"नहैक बजार जावा। डबल र्वटि लावा. एक कितुल गरम पाणि करदू मि। वनि भि तुम एक मग्गा डालि भैर ऐ जांदा बाथरुम बिटी जाड्डू मा. ब्वारिक दादी बि डबल र्वटि खांदि छै बल।"
श्रीमान जी ," जादा नि बोल."
श्रीमती जी," मेरि भां जु कुछ करदो. मिन हलवा नि बणान. न मिन कुछ ब्वाल.. .
(घपरोल जारी)

विश्वेश्वर प्रसाद-(सिलस्वाल जी)

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