(सर्रा घपरोल फोन पर हि)
श्रीमती जी(फोन पर)," तुम तखि जोग ह्वे ग्याव। तीन-चार दिन बिटी।"
श्रीमान जी(फोन पर)," त्यार दिमाग त खराब नि। वख त म्यार दिमाग खराब करदी च। अर यख मिते पुरान फ्लेट सफेदी कराणो भ्याज त फोन कैरिक म्यार दिमाग खराब करणि च।"
श्रीमती जी," तबि मि सोचणु कि यू आदिम गैस चूल्हा,मसालदानी क्य खुणि लिजाणू। न क्वी फून न खबरसार। आराम से पिकनिक मनाणो वख."
श्रीमान जी," ना भुखि रैण छ्याई मिन। आफिक बणानु छौ.वैदिन बिलकुल इन नि ब्वाल कि मि भि चलदु दगड़ी। कामचोर ।
श्रीमती जी,"अर धरमू खुणि कैन बणाण छै खाणि पीणि। अबि ब्वारी भि मैत ही च। अगलि इतवार बुलायूं समधी जीक ब्वारी लिणू। झट्ट पट सब काम पूरु कैरिक आवा वापस ,बस। कामचोर ह्वेलि तुमार वा पातर बौ अर तुम।"
श्रीमान जी," पुष्पा बौ घार नि खै सकदु छ्याइ त्यार धरमू चार दिन। मि दिन भर सफेदी धूल भि खौं अर खाणो भि बणौ.भाण्ड भि मजौं. रिटायर हुणो बाद भि चैन नि।"
श्रीमती जी," हम खुणि पकाणौ छै. आफिक त घुलणो ह्वेलि। फिर वीं पातर कु नाम लै तुमन। जब तक वा माफि नि मांगदि म्यार जूत कार बात वींक दगड़।पटवारी मा कन पिटै वीन तुमतें गौं मा। भुलो गै इतगा जल्दी।
बैंक भि जाण तुमन। मिखुणि नै साड़ी लाण।
मिठै खठै खुणि भि पैंसा जरुरत प्वाड़ल। पैलि बेर समध्यूल जाण. सुदि च यख रिश्तेदारी निभोण।
श्रीमान जी," एक पैंसा नि मि मा। अभि धरमूक ब्यौ मा त तीन मैना पैलि दस साड़ी नै लिन तिन। ऊं तै पैरिक नि जै सकद। नै साड़ी ल्याव यीं खुणि। यख सफेदी पर हि चालिस हजार खर्च हुणा। भैर भितर।
तै आपर धरमू मा मंगादि। वांक धै त बुलदि म्यार धरमू टैक्सी कैरिक भ्याजलू मिते गौं।"
श्रीमती जी," ये आदिम तैं कब अकल आलि। वीं पुरानी साड़ी पैरिक जोलु मि समध्यूल ज्वा ब्यौ मा पैरिं छे।
भौल यख आवा झट।"
श्रीमान जी," अभि काम खतम नि ह्वाई। पैलिक वू ठेकेदार भागि गै पुट्टि कैरिक। पैंसा भि लि गै एडवांस दस हजार। अब दूसर कर्यूं ब्यालि बिटी। वू त धन्य हो पुष्पा बौ जू नै ठेकेदार वीन भेजि द्याई । वैकि क्या बढिया सफेदी करीं बौ मकान पर।
श्रीमती जी," ओ तबि त मिन ब्वाल कि हम खुणि फोन किले नि आणु. सर्रा नेटवर्क त वखि खर्च करणू ह्वाल विडियो काल पर।
श्रीमान जी," अजक्याल भलै जमानु नि। एक त बौ न नाराज हुण पर भि आपर जाण पैचाणो ठेकेदार भ्याज . तिन जू कुछ समझणा. अब त काम खतम करैक अर ये मकान किराये पर चढैक हि ओलु चाहे एक हफ्ता लगि जाव।
श्रीमती जी," ठिक च त. मि अर धरमू भौल तकि आंणा छवा कि असलियत क्य च। सफेदी हुणि कि कुछ हौर गुलछर्रा उडना छन कछडि इकठ्ठा कैरिक अर विडियो काल पर वीं पातरो दगड़।"
श्रीमान जी," अबि आवा। पर मिन त कुछ नि बोलि. .
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