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सपन अब नै ढंगकू ....Dream new way Ggharwali Poetry song Utterakhand



गीत 
सपन अब नै ढंगकू 

जगों छया जरसि 
ब्याळ अख्यों मां ... २ 

सपन अब नै ढंगकू 
देखण लग्यूं 

आ…
स्वास छया जरसि 
ब्याळ  मेर पास ... २ 

आज अब नै ढंगण  
जीणु   लग्यूं 

ऐग्याई ऊ रंग फिर ऐग्याई
औरृ ऊ गंध फिर ऐग्याई
ईं पिंगळी फ्योंळि मा 

ऐग्याई ऊ रंग फिर ऐग्याई
औरृ ऊ गंध फिर ऐग्याई
अपडा नाजूक नातों  मा 

दुई बाटा जरा हुंयाँ बिराणा 
भेंट होली एकाएक नदी जन ... २ 

बाटा जुड़याँ जन 
यन जुड़ला मन 

ऊ  बाटू मा  नै ने
हिटणु लग्यूं 
कांडा छया जरसि 
ब्याळ मेर पास 

आज अब नै ढंगण  
जीणु   लग्यूं 

ऐग्याई ऊ रंग फिर ऐग्याई
औरृ ऊ गंध फिर ऐग्याई
ईं पिंगळी फ्योंळि  मा 

ऐग्याई ऊ रंग फिर ऐग्याई
औरृ ऊ गंध फिर ऐग्याई
अपडा नाजूक नातों मा 

हिट्दा जरसि 
वा पुराणि कथा 
फुल हि भेंटणु 
बाची बाची की ... २ 

पुस्तक रटयूं 
छ्या जन  न्यू 
पानों ते  फिर 
पलटण लग्यूं 

आ…
स्वास छया जरसि 
ब्याळ  मेर पास 
आज अब नै ढंगण  
जीणु   लग्यूं 

ऐग्याई ऊ रंग फिर ऐग्याई
औरृ ऊ गंध फिर ऐग्याई
ईं पिंगळी फ्योंळि मा 

ऐग्याई ऊ रंग फिर ऐग्याई
औरृ ऊ गंध फिर ऐग्याई
अपडा नाजूक रिस्तों मा ... २ 

बालकृष्ण ध्यानी 

बालकृष्ण डी ध्यानी
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