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बस इनि मा ही गैई




बस इनि मा ही गैई

बस इनि मा ही गैई
म्यार मुल्का का लोक ,म्यार मुल्का का लोक
घुमी घुमी सड़की
घूमे कैकि ले गेनि दूर ऊ सड़की छोर,ऊ सड़की छोर
बस इनि मा ही गैई

पैल दोई खुटीन हिटदा जाँदा
अबै दा लागि चार पाईयों को जोड़ ,चार पाईयों को जोड़
कैमा कया लगाण
ते थे कया रैगे दिखाण रीता रीता गौंऊ,रीता रीता गौंऊ
बस इनि मा ही गैई

सुधि कया मिसाण
कैल कुल देब्तों कु निशाँण उठन,कैल निशाँण उठन
ढोल दामू अब हर्ची
नरसिंगा कैल तेर जै कार लगाण,कैल जै कार लगाण
बस इनि मा ही गैई

बस इनि मा ही गैई
म्यार मुल्का का लोक ,म्यार मुल्का का लोक
घुमी घुमी सड़की
घूमे कैकि ले गेनि दूर ऊ सड़की छोर,ऊ सड़की छोर
बस इनि मा ही गैई

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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