मन की बात होंठो पे लाओ
मन की बात होंठो पे लाओ .. २
कहना है जो वो कह जाओ
मन की बात होंठो पे लाओ .. २
रूठो ना ऐसे ना अकेले हो जाओ
क्यों छुपा रखा है दर्द वो दिखलाओ
बात करो अपने से अब तुम ही बतलाओ
नांदा ना बनो तुम अब बात मान भी जाओ
मन की बात होंठो पे लाओ .. २
लब पर आये ना वो शब्द दिखलाओ
चुप ऐसे ना अपने आप से तुम घिरते जाओ
थोड़ा सा ही क्यों ना हो वो उसे जतलाओ
गुस्सा छोड़ो अब तुम बात मान भी जाओ
मन की बात होंठो पे लाओ .. २
ऐसे में घिर जायेगी तेरे चहुँ ओर उदासी
फिर ना साथ आयेगा तेरे कोई संगी ना साथी
फिरता रहेगा तब फिर अपने में कहीं गुम सा
बन जायेगा सबके लिये तो एक बूत सा
मन की बात होंठो पे लाओ .. २
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित
बालकृष्ण डी ध्यानी
6 टिप्पणियाँ
बहुत सुन्दर ...
जवाब देंहटाएंमन की बात होंठो पे लाओ
जवाब देंहटाएंBahut Khub
जवाब देंहटाएंCommodity Tips Free Trial | 100% Success Tips in Crude Oil
Excellent Poem
जवाब देंहटाएंMCX Gold Silver Tips____ MCX Trading Tips
Nice poem thanks for sharing with us
जवाब देंहटाएंMCX Tips Free Trial | Intraday Jackpot Tips
nice poem
जवाब देंहटाएंData entry services